गजब के गुरुजी! तबादला होने पर 113 बच्चों ने लिया अनोखा फैसला, टीचर के साथ उसी स्कूल में ले लिया एडमिशन

हैदराबाद: तेलंगाना में एक सरकारी शिक्षक के प्रति अनोखे सम्मान की खबर सामने आई है। जन्नांम जिले के पोनाकल गांव के जे. श्रीनिवास नामक इस शिक्षक का हाल ही में तबादला हो गया था। शिक्षक दिवस से दो महीने पहले ही श्रीनिवास को उनके 250 छात्रों ने अनोखे

4 1 13
Read Time5 Minute, 17 Second

हैदराबाद: तेलंगाना में एक सरकारी शिक्षक के प्रति अनोखे सम्मान की खबर सामने आई है। जन्नांम जिले के पोनाकल गांव के जे. श्रीनिवास नामक इस शिक्षक का हाल ही में तबादला हो गया था। शिक्षक दिवस से दो महीने पहले ही श्रीनिवास को उनके 250 छात्रों ने अनोखे अंदाज में सम्मानित किया। आधे से ज्यादा छात्रों ने उनका तबादला रद्द करवाने के बजाय खुद ही उनके साथ नए स्कूल में जाने का फैसला कर लिया।
53 वर्षीय श्रीनिवास पोनाकल गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाते थे। उनके तबादले के बाद लगभग 133 छात्र उनके साथ अक्कापेलिगुडा के स्कूल में चले गए। यह नया स्कूल पुराने स्कूल से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर है। आमतौर पर तबादलों के समय छात्र स्कूल के गेट पर ताला लगाकर विरोध प्रदर्शन करते हैं। लेकिन श्रीनिवास के मामले में छात्रों ने अपने पसंदीदा शिक्षक के साथ जाने का अनोखा फैसला लिया।

तबादले की खबर सुन रोने लगे छात्र
जिला शिक्षा अधिकारी एस. यदय्या ने कहा कि यह एक अनोखी घटना है। छात्र अपने शिक्षकों से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं और उनके जाने पर दुखी होते हैं। लेकिन अपने शिक्षक के साथ जाने के लिए स्कूल बदल लेना, यह पहले कभी नहीं सुना गया। श्रीनिवास के तबादले की खबर सुनकर उनके कई छात्र रोने लगे थे। श्रीनिवास ने खुद को असहाय बताते हुए कहा कि आदेश तो आदेश होता है। लेकिन किसी ने यह उम्मीद नहीं की थी कि छात्र इतना बड़ा कदम उठा लेंगे।

तबादले के दो दिन बाद 133 बच्चों ने लिया नए स्कूल में दाखिला
छात्रों ने अपने माता-पिता से श्रीनिवास के तबादले के बारे में बताया और उनके साथ नए स्कूल जाने का फैसला लिया। 1 जुलाई को श्रीनिवास का तबादला हुआ और उसके अगले दो दिनों में ही उनके 250 में से 133 छात्रों (कक्षा 1 से 5 तक के) के माता-पिता ने अपने बच्चों का दाखिला नए स्कूल में करवा दिया। श्रीनिवास ने अपने प्रति छात्रों के इस प्यार को विनम्रता से स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि यह विश्वास दिखाता है कि माता-पिता को मुझ पर है। मैंने केवल अपनी क्षमता के अनुसार उनके बच्चों को पढ़ाने का कर्तव्य निभाया है। उन्हें मेरा पढ़ाना पसंद आया। क्योंकि सरकारी स्कूलों में अब बेहतर सुविधाएं हैं, इसलिए मैं माता-पिता से उनका उपयोग करने का आग्रह करूंगा। स्थानीय लोगों ने पिछले 12 वर्षों में श्रीनिवास के योगदान को याद किया। खास तौर पर स्कूल में छात्रों की संख्या 32 से बढ़ाकर 250 करने में उनकी भूमिका की सराहना की।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Worli Hit and Run Case: शिवसेना नेता के बेटे ने स्कूटी को मारी टक्कर, एक महिला की मौत; पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार

मिड-डे, मुंबई। पुणे में पोर्श कार दुर्घटना का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि मुंबई के वर्ली इलाके में हिट एंड रन का एक और केस सामने आया है। रविवार तड़के लगभग 5.20 बजे शिवसेना शिंदे गुट के एक नेता के बेटे ने बीएमडब्ल्यू कार से स्कूटी को टक्कर मा

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now